Friday 23 December 2016

यदि सहायता प्राप्त व्यक्ति को सहायक का धन्यवाद  करना आ जाए और उसके मन में कृतज्ञता की अनुभूति रहे, तो एक दिन वह भी सहायकों की श्रेणी में स्थित हो जाता है। लेकिन जब व्यक्ति सहायता प्राप्ति को अपना अधिकार  मान लेता है समझ लीजिए कि उसके असहायों की यथास्थिति में ही रहना स्वीकार कर लिया जाता है।

बड़े भाग मानुष तन पावा | सुर दुर्लभ ग्रंथई सब गावा ||